2 मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है?

2 मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है?

2 मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है?
2 मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है?


मैगी किस चीज से बनती है?


News Devta - मैगी तो हम सभी ने खाई होगी। मैगी का स्वाद इतना बेहतरीन होता है कि शायद ही कोई व्‍यक्ति होगा जो एक बार मैगी खाने के बाद उसे दोबारा ना मांगता हो। लेनिक क्‍या आप जानते हैं कि दो मिनट में बनने वाली मैगी किस चीज से बनती है। इसे तैयार करने में किन किन चीजों की जरूरत पड़ती है। साथ ही आज इसके लोकप्रिय होने के पीछे क्‍या वजह है?

यदि नहीं जानते हैं तो हमारे इस लेख को आप अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर मैगी फैक्‍टरी में कैसे बनती है। साथ ही उसे बनाने के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है। तो आइए जानते हैं कि मैगी किस चीज से बनती है?


मैगी बनाने का विचार कैसे आया?


मैगी किस से बनती है आपको इसके बारे में बताएं इससे पहले आइए आपको एक बार हम बता देते हैं कि मैगी बनने की शुरूआत कैसे हुई। दरअसल, बात 1884 के दशक की है। जुलियस मैगी नाम का एक व्‍यक्ति स्‍विजरलैंड में रहता था। उस दौरान उसके पिताजी ने उसे अपनी कंपनी जो कि मैगी जैसे किसी उत्‍पाद की नहीं थी।

उसका कामकाज संभालने की जिम्‍मेदारी दे दी। लेकिन उन्‍होंने उस दौरान देखा कि कैसे उनकी कंपनी में महिलाएं दिनभर काम करती हैं। फिर घर जाकर घंटों रसोई में खाना बनाती हैं। जिसने उनको काफी परेशान कर दिया। तभी उनके दिमाग में विचार आया कि क्‍यों‍ ना कुछ ऐसा बनाया जाए जो कि महज कुछ ही समम में बनकर तैयार हो जाए और जो समय बचाने के साथ स्‍वाद दार भी हो।


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बस यहीं से शुरूआत हो जाती है मैगी बनने की। इस काम में जुनियस मैगी का साथ वहां की सरकार ने भी दिया। इसके बाद कई सालों तक मेहनत करनी पड़ी तब जाकर साल 1886 में मैगी बनकर तैयार हुई। लेकिन आगे चलकर साल 1912 में जुलियस का देहांत हो गया जिसके बाद मैगी की कंपनी का स्‍वरूप का काफी बदल गया। यही वजह थी कि आगे चलकर मैगी का अधिग्रहण Nestle कंपनी ने कर लिया।


मैगी किस चीज से बनती है?


मैगी किस चीज से बनती है और उसे बनाने के लिए किन किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इस बारे में आइए हम आपको अब हम बिंदुवार जानकारी देते हैं। जिससे आप मैगी बनने की पूरी प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।


  • मैगी बनाने के लिए सबसे पहले बाजार से बहुत सारा गेंहू और मैदा खरीदा जाता है। जो कि मैगी बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसके बाद मैगी की तरफ से इसकी क्‍वालिटी चेक की जाती है। ताकि मैगी स्‍वाद के साथ ही सेहतमंद भी हो।
  • अब इस गेंहू को पीस लिया जाता है। इसके बाद मैदे और गेंहू को एक साथ मिलाया जाता है। फिर ठीक उसी तरह इन्‍हें भिगोया जाता है जैसे कि हमारे घरों में रोटी बनाने के लिए आटा मला जाता है। लेकिन कंपनी में ये काम हाथ ही बजाय मशीनों से किया जाता है जिससे ये काम बहुत जल्‍दी आर बेहतर तरीके से हो जाता है।
  • अब इसे मशीन में डाला जाता है और कुछ हद तक गरम भी किया जाता है। जिसके बाद मशीन के द्वारा मैगी को उसका आकार दिया जाता है। जो आपने जब भी मैगी खरीदी होगी तो उसका आकार जरूर देखा होगा।
  • मैगी को आकार देने के दौरान बहुत सारी मैगी टूट जाती है, जिससे वो मैगी खराब हो जाती है। जिसे कई बार हमने खुले बाजार में कम दामों में बिकते देखा होगा।
  • यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि मैगी को बनाने वाली मशीन आज इतनी आधुनिक हो चुकी हैं कि अब ये मैगी को बनाने के बाद उसे खुद ही सुखा भी देती है। जिससे उसे तुरंत पैक किया जा सकता है। वरना उसे सुखाने में ही कई दिन खराब भी हों और बहुत सारी जगह भी चाहिए हो।
  • इसके बाद मैगी को पैक करके आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। ताकि वो आपके घरों तक आ सके। लेकिन खास बात ये है कि मैगी की पैकिंग भी मशीनों से ही होती है और इसका वजन भी मशीने ही करती हैं। ऐसे में जो पैकट वजन में कम होता है। उसे बाहर कर दिया जाता है।
  • मैगी बनने के बाद सीधा बाजार में नहीं आती है। इसके बाद इसे क्‍वालिटी चेक होने के लिए भेजा जाता है। जिसमें से इसके कुछ चुनिंदा पैकेट को चेक करके पास कर दिया जाता है। यदि यहां किसी पैकेट में खराबी पाई जाती है तो वहीं पर इसका पूरा स्‍टॉक बाजार में जाने से रोक दिया जाता है।


मैगी मसाला कैसे बनता है?


अभी आपने जाना कि मैगी किस से बनती है चलिए जानते है कि मैगी मसाला कैसे बनता है।

मैगी के साथ आने वाला मसाला बेहद ही खास होता है। इसकी खासियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हो कि आज भी बाजार में कोई भी ऐेसा मसाला नहीं मौजूद है जो कि आपको मैगी मसाले जैसा स्‍वाद दे सके। इसलिए इसके बिना एक तरह से मैगी का स्‍वाद अधूरा है।

दरअसल, मैगी कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया है किे मैगी मसाला मे कुल अभी तक 13 तरह के मसाले प्रयोग किए जाते हैं। जिसमें से 4 मसालों की ही जानकारी कंपनी ने आम जनता को दी है। बाकी मसाले कौन से होते हैं और कहां से लाए जाते हैं इस बारे में कंपनी ने किसी को कुछ नहीं बताया है। उन चार मसालों में लाल मिर्च जो कि आंध्रप्रदेश से मंगाया जाता है।


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राजस्‍थान से खुशबू दार जीरा और सूखा धनिया मंगाया जाता है, महाराष्‍ट्र से पीली हल्‍दी। आपको हम बता दें कि मैगी को बनाने मे जिस आटे और मैदे का प्रयोग होता है वो भी भारत से ही लाया जाता है। ये भारत के बेहद के किसानों के लिए गर्व की बात है कि उनकी मेहनत के सहारे ही मैगी जैसी बड़ी कंपनी भी अपना काम चला रही है।

इन सभी चीजों को इकठ्ठा करके भारत में मैगी बनाने वाली जो भी फैक्‍टरी हैं वहां ले जाया जाता है। जिनमें हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड, पंजाब, गोवा आर कर्नाटक में मैगी की प्रमुख प्‍लांट हैं। भारत में यदि हम मैगी की सबसे पहले प्‍लांट की बात करें तो यह टहरीवाल जो कि हिमाचल प्रदेश में स्‍थित है।

यह फैक्‍टरी भारत में 1947 में बनी थी, जो कि आज मैगी की सबसे बड़ी फैक्‍टरी बन चुकी है। लेकिन यहां आपको एक जानकारी और दे दें कि मैगी के मसाले मैगी बनने से पहले ही बन चुके थे। जो कि पहले दूसरे घरेलू काम में प्रयोग होते थे। मैगी मसाले की लोकप्रियता को देखते हुए इसे कंपनी ने बाजार में भी उतार रखा है। यानि आप इसे बिना मैगी के भी केवल मसाला ही खरीद सकते हैं।


मैगी बनाने में क्‍वालिटी चेक कितनी बार होता है?


आपने कुछ साल पहले मैगी से जुड़ा एक विवाद जरूर सुना होगा जिसमें कहा गया था कि मैगी की क्‍वालिटी अच्‍छी नहीं है। इसके अंदर भारी मात्रा में शीशा यानि लैड पाया जाता है। जो कि सेहत के लिए अच्‍छा नहीं होता है। जिसके बाद मैगी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। कंपनी के डाटा के मु‍ताबिक इस विवाद से उसे कई सौ करोड़ तक का नुकसान हुआ था।

इस दौरान मैगी को भारत से लगभग 320 करोड़ का उत्‍पाद वापस लेना पड़ा था। साथ ही 20 करोड़ रुपए इसे नष्‍ट करने पर खर्च करने पड़े थे। जबकि मैगी की इस गलती के लिए उस पर भारत सरकार की तरफ से 620 करोड़ रूपए का जुर्माना भी लगाया गया था। जिससे कंपनी ने बहुत बड़ा सबक सीख लिया था।

इस विवाद के पहले जहां जहां मैगी बनाने में कुछ ही क्‍वालिटी चेक होते थे। उनकी संख्‍या अब बढ़ाकर 650 कर दी गई है। यानि किसी भी मैगी के पैकेट को बनाने में लगभग 650 जगह से क्‍वालिटी चेक से गुजरना पड़ता है। और यदि इनमें से किसी भी में फेल हो गया तो वह बाजार में नहीं आ सकता है। ताकि मैगी के साथ फिर से किसी तरह का ऐसा विवाद ना खड़ा हो। जिससे उसे करोड़ों का नुकसान दोबारा उठाना पड़े।


क्‍या मैगी रोजना खाना नुकसानदेह है?


बहुत से लोग ये जानना चाहते है कि यदि वो रोजाना मैगी खाते है तो इससे उनके शरीर को किसी तरह का नुकसान तो नहीं है। इसका जवाब भी हमारी इसी पोस्‍ट में ऊपर छिपा है। हमने आपको ऊपर बताया कि मैगी का जन्‍म उन लोगों को ध्‍यान में रखकर हुआ था, जो कि कामकाजी है और उनके पास इतना समय नहीं होता है कि वो उसके दौरान खाना बना सकें।

यानि मैगी का प्रयोग केवल तक करना चाहिए जब आप कहीं जल्‍दबाजी में हो या आपको भूख लगी हो और खाना बनाने का आपके पास समय ना हो। लेकिन यदि आप रोजाना मैगी का प्रयोग भोजन की तरह करते हो तो यकीन्‍न ये आपके शरीर को नुकसान करेगी। इसलिए मैगी केवल हप्‍ते में एक बार ही खाएं तो बेहतर होगा। साथ ही यदि आप बॉडी बिल्‍डर आदि हैं तो मैगी का सेवन ना ही करें। क्योंकि मैगी को सिर्फ भूख मिटाने के लिए बनाया गया है, ना‍ कि आपकी सेहत बनाने के लिए।


मैगी से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य


  • क्‍या आप जानते हैं क‍ि मैगी कोई भी इंसान यदि खाता है तो इसका दीवाना क्‍यों हो जाता है इसके लिए इसमें शीशा यानि लैड मिलाया जाता है। जिसकी वजह से ही इस पर भारत में बैन लगा था। क्‍योंकि उस दौरान इसकी मात्रा ज्‍यादा पाई गई थी। जिससे किसी भी इंसान को इसकी लत लग सकती है।
  • मैगी को लो‍कप्रिय करने में सबसे ज्‍यादा भूमिका इसके ‘दो मिनट की मैगी’ कैंपेन ने निभाई थी। इससे पहले मैगी कभी इतनी लो‍कप्रिय नहीं थी। जितनी की आज है।
  • मैगी एक ऐसा उत्‍पाद है जिसका स्‍वाद दो से तीन पीढ़ीयों ने चखा है। साथ ही इसकी सराहना भी ही है। इसे आप अपने परिवार में भी देख सकते हैं।
  • भारत में नूडल्‍स के बाजार पर एक तरह से मैगी का एकाधिकार है। यानि आज भी भारतीय बाजार पर मैगी का 60 प्रतिशत कब्‍जा है। जिससे कभी हमारे घरों में मैगी के सिवाय दूसरे नूडल्‍स नहीं आते हैं।
  • आप शायद ही जानते हों कि दो मिनट की मैगी को भारत मे साल 1980 में लांच किया गया था। उस दौरान इसके 100 ग्राम पैकेट की कीमत मात्र 2 रुपए 50 पैसे थी। क्‍योंकि उस दौरान भारत में 50 पैसा चलता था। लेकिन आज ये कीमत कई गुना बढ़ गई है।
  • दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां मैगी के पैकट पर हरे रंग कि बिंदी का निशान होता है। जिसका अर्थ होता है कि ये विशेष तौर पर शाकाहारियों के लिए ही बनाई गई है। क्‍योंकि बीच में मैगी को लेकर एक अफवाह फैल गई थी कि मैगी को बनाने में सुअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता है। जो कि एक झूठ था।
  • यदि आप सोचते हैं कि मैगी केवल भारत में इतनी लोकप्रिय है, तो आप गलत हैं। मैगी इसी तरह दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों पर राज करती आ रही है। जिसमें भारत के पड़ोसी देशों का नाम प्रमुख रूप से आता है।


अंतिम शब्द

आज आपने यह जाना कि मैगी किस चीज से बनती है? आशा है अब आप जान चुके होंगें कि मैगी किस से बनती है। यदि आपको भी मैगी से जुड़े किसी रोचक तथ्य के बारे में जानकारी है तो हमें कमेंट में लिखें।

Vikas Yadav

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